बेरंग होली कविता / By पवन मिश्र / मार्च 20, 2022 / कविता, साहित्य कभी होली बेरंग भी हो जाती है। तब भी उम्मीद का दिया जलता रहता है
अंतर्द्वंद कविता / By पवन मिश्र / मई 9, 2021 / कविता, कोरोना कब बदलेगी सूरत कब थमेगा मौत का तांडव कब कोई फरिश्ता आकर कहेगा बस तुझे करना होगा पश्चाताप तूने किए हैं बहुत सारे पाप