श्राद्ध पक्ष : ढकोशला, विज्ञान और श्रद्धा
क्या हम तर्कांध होते जा रहे हैं? श्राद्ध पक्ष पर पढ़िए एक बेहद दिलचस्प, तार्किक और मनोवैज्ञानिक विश्लेषण। अंधविश्वास, विज्ञान और तर्क में फंस कर हम अक्सर आधे-अधूरे ज्ञान को ही सब कुछ मान बैठते हैं।
क्या हम तर्कांध होते जा रहे हैं? श्राद्ध पक्ष पर पढ़िए एक बेहद दिलचस्प, तार्किक और मनोवैज्ञानिक विश्लेषण। अंधविश्वास, विज्ञान और तर्क में फंस कर हम अक्सर आधे-अधूरे ज्ञान को ही सब कुछ मान बैठते हैं।
भगवान राम की महिमा अपरम्पार है। सुन्दर कांड के प्रसंग से यह कहानी बड़ी सरलता से भगवन की माहिम को समझा देती है।
हम सभी के जीवन में चार पत्नियां होती हैं। हम उसी की उपेक्षा अधिक करते हैं जो सबसे अधिक प्रेम करती है।
हरियाली तीज सावन का प्रमुख त्योहार है। जो श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि हरियाली तीज के दिन भगवान शिव ने देवी पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वरदान दिया था। इस दिन स्त्रियां माता पार्वती जी और भगवान शिव जी की पूजा करती हैं।
सावन महीने का महत्व हिन्दू समाज में बहुत है। पढ़िए सावन महीने के महत्व के बारे में, इसका पौराणिक आख्यान और भगवान शिव से इसका जुड़ाव। कांवड़ यात्रा की धूम सावन महीने में रहती है जो सावन महीने के महत्व को बखूबी दर्शाती है। सावन महीने के हमरे तीज त्यौहार सावन महीने का महत्व और बढ़ा देते हैं। सत्य तो यह यही कि सावन की महिमा का गुणगान शब्दों में नहीं किया जा सकता।
पवहारी बाबा एक सिद्ध संत थे जिन्होंने निर्वाण प्राप्त कर लिया था। पढ़िए पवहारी बाबा से जुडी हुई अनोखी जानकारी और रोचक बातें।
अपनी चप्पल को एक बार थैंक्यू जरूर बोलिए। आवश्यक नहीं है कि चप्पल टूटे तभी आप थैंक यू बोले। परिणाम आपको भी चौंका देगा।
५२ शक्ति पीठों में से एक मां पीतांबरा मध्य प्रदेश के दतिया जिले में एक दिव्य, अलौकिक एवम सुरम्य स्थल है।