संस्मरण

politics speech

मूर्ख बोल कर सोचते हैं, और ज्ञानी…

यह दिवालियापन केवल भाषणों में नहीं है, दरअसल यह प्रतिबिम्ब है हमारे नेताओं की वास्तविक मानसिक स्थिति का, उनकी सोच का और भारत के उस अंधकारमय भविष्य का जो इस सोच के साथ और अंधकारमय होता जा रहा है।

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