दया
क्या हुआ ? जब एक भूखे भिखारी को घास खाते हुए देख गृहिणी दया भाव से द्रवित हो उठी।
यह “एकता में अनेकता” हमारा अविष्कार है जिसमे हम “एक” होकर भी “अनेकों” बातें कर लेते हैं; पर “अनेक” होकर भी “एक” काम नहीं कर पाते।
राजनेताओं को पहले से ही पता है कि चुनाव अक्ल नहीं बल्कि भैंस के बल पर जीता जाता है, सो उन्होंने इसे ही आराध्य मान लिया है।
भाषा पर तत्कालीन समाज और बाज़ार का प्रभाव रहता है। लोग अब हिंदी सीख रहे हैं रोजगार और व्यापर के लिए।
हिंदी कौन बोल रहा है आजकल? Read More »
सारे कुत्तों को अब एस. पी. के कुत्ते की ख़ुशामद में व्यस्त रहना पड़ता था। एक नए जवान ख़ून का कुत्ता इस बात से चिढ़ता था।