angry

आज इतने ग़ुस्से में क्यों हूँ?

Brain drain in India

आज इतने ग़ुस्से में क्यों हूँ?
ख़ुद को भी समझ नहीं आ रहा है। कोई ख़बर थी कि एक भारतीय लड़की ने नए तरीक़े से एयर कंडीशनर बनाया है जो सैर ऊर्जा से चलता है; ख़ुशी से आँखें भर आईं। पर अगली पंक्ति ने मन मे तूफ़ान खड़ा कर दिया; लिखा था जापान बुला रहा है उसे। मन मे जो ख़ुशी थी एक अजीब सी कड़वाहट मे बदल गई। 

इस देश में ऐसा क्यों होता है कि जो कुछ अच्छा होता है बाहर चला जाता है? क्यों जो प्रतिभावान हैं वे दुसरे देश मे ही सफल है? इस देश में प्रतिभावान लोग मूर्खों की भाँति क्यों जीवन यापन कर रहे हैं? और क्यों इस एक अरब पच्चीस करोड़ के देश में दस स्वर्ण पदक भी ओलम्पिक में नहीं मिलते है जबकि आबादी के हिसाब से दुनिया का हर छठा व्यक्ति भारतीय है?

दरअसल हम अब भी ग़ुलाम हैं। हम कुछ भी करें उसका प्रमाण पत्र अमेरिका, इंग्लैंड, जापान, रूस या फ़्रांस ही देता है। मज़े की बात है कि दुनिया का सारा ज्ञान वेदों में है पर यह बात भी अमेरिका ही प्रमाणित करता है। जब तक नासा न कहे हमारा सारा खगोलीय ज्ञान व्यर्थ है। और हम? हम हज़ारों साल से घास काट रहे हैं और उसे गधों को खिला रहे हैं।

अमेरिका में सबसे ज़्यादा स्टार्टअप भारतीयों के हैं। और भारत में? 
सबसे अच्छे और विश्वस्तरीय साफ्टवेयर भारत बना रहा है। माइक्रोसॉफ़्ट और गूगल के सी.ई.ओ. भारतीय हैं पर, कोई भी भारतीय कम्पनी नहीं है जो वैश्विक स्तर पर इन्हें टक्कर दे सके। 
दरअसल भारत मे वही शेष है जो अवशेष है। यहाँ के आदर्श हमारे गली वाले भाईसाहब हैं जो किसी पार्टी के नेता हैं। क्योंकि वे गुण्डा और दबंग हैं इसलिए वही एकमात्र सत्य हैं। और उनके पास चाटुकारों की एक फ़ौज है जो आपको दबा कर ग़लत कर के ही मानेगी। 

देश का युवा अपनी ख़ैर मनाता किसी तरह एक बार विदेश घूम आने की सोच रहा है; क्योंकि यही एकमात्र ठीक और इज़्ज़त का रास्ता है। 
यहाँ तो वह एक ही काम कर सकता है कि राजनिति कर ले। किसी का गला काटे, किसी को मूर्ख बनाए, किसी की चिता पर रोटी सेके, धर्म पर राजनिति करे और सबसे बड़ी बात कि किसी को भी विकास का अवसर भी न दे। उन्हें धर्म बताए, जाति बताए; उन्हें रोटी दे और दयालु कहलाए। पर भूलकर भी विकास न करे। लोगों का जीवन गर्त में रखे। 
वैज्ञानिक सोच? यह किस चिड़िया का नाम है? अगर यह विकसित हो गई तो हम मूर्ख कैसे कहलाएँगे? हम सवा अरब भेड़ चाल वाले कहाँ जाएँगे? 

दुनिया के सबसे युवा देश-मैं यहाँ ज़ोर देकर कह रहा हूँ-सबसे युवा देश भारत के युवा आज क्या कर कहे हैं? सोचने वाली बात है…
एक युवा देश का युवा नागरिक होने के नाते हमारा यह कर्तव्य है कि हम विचार करें कि यहाँ क्या हो रहा है; यह कितना सही है; हमारे और देश के विकास में कितना सहयोगी या प्रतिरोधी है और उन सभी ताक़तों का ज़बर्दस्त विरोध करें जो हमें पीछे खिंचना चाहती हैं।

error: शेयर करने के लिए कृपया सोशल शेयर बटन का प्रयोग करें!